सोमवार, 5 मार्च 2012

328. होली आई रे (होली पर 10 हाइकु) पुस्तक - 21, 22

होली आई रे
(होली पर 10 हाइकु)

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1. 
रंग-अबीर
मन हुआ अधीर
होली खेलो रे

2. 
फगुआ-पर्व
घर पाहुन आए 
मन चंचल

3. 
भंग-तरंग
इन्द्रधनुषी रंग
सब तरफ़

4. 
फगुआ मन
अंग-अंग में रंग
होली आई रे

5. 
होली त्योहार 
भेद-भाव मिटाए
मन मिलाए

6. 
अंग-अंग में
फगुनाहट छाए 
मनवा नाचे

7. 
घर है सूना
परदेसी सजना
होली रुलाए

8. 
कैसे मनाएँ 
है मन तड़पाए
पी बिन होली

9. 
तुम्हारे बिना
कैसे मनाऊँ होली
न जाओ पिया

10. 
बैरन होली
क्यों पिया बिन आए 
तीर चुभाए

- जेन्नी शबनम (5. 3. 2012)
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