रविवार, 26 मई 2013

406. गुलमोहर (16 हाइकु) पुस्तक - 36-38

गुलमोहर

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1.
उनका आना 
जैसे मन में खिला  
गुलमोहर। 

2.
खिलता रहा  
गुलमोहर फूल  
पतझर में।  

3.
तुम्हारी छवि 
जैसे दोपहरी में  
गुलमोहर। 

4.
झरी पत्तियाँ
गुलमोहर हँसा 
आई बहार। 

5.
झूमती हवा 
गुलमोहर झूमा 
रुत सुहानी। 

6.
उसकी हँसी-
झरे गुलमोहर 
सुर्ख़ गुलाबी। 

7.
गुलमोहर!
तुमसे ही है सीखा 
खिले रहना। 

8.
खिलता रहा    
गुलमोहर-गाछ
शेष मुर्झाए। 

9.
सजाके पथ  
रहता है बेफ़िक्र 
गुलमोहर।  

10.
हवा ने कहा-
गुलमोहर सुन
साथ में उड़। 

11.
उड़के आया 
गुलमोहर फूल 
मेरे अँगना।  

12.
पसरा रंग 
गुलमोहर-गंध    
बैसाख ख़ुश। 

13.
आम्र-मंजरी 
फूल गुलमोहर 
दोनों चहके। 

14.
सुर्ख़ फूलों-सा 
तेरा रंग खिला, ज्यों
गुलमोहर। 

15.
गुलमोहर 
क़तार में हैं खड़े 
प्रहरी बड़े। 

16.
पलाश फूल 
गुलमोहर फूल 
दोनों आओ न। 

- जेन्नी शबनम (2. 5. 2013)
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